भड़काऊ भाषण देने के जिस आरोप मे सपा नेता आज़म खां की विधायकी निचली अदालत के तीन साल के फैसले के बाद रद्द कर दी गई थी अब उस फैसले को ही सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
एमपी एमएलए सेशन कोर्ट के इस फैसले के बाद यह कहा जा सकता है कि उनकी विधायकी और उनसे वोट देने का अधिकार एक गलत अदालती फैसले के तहत छीना गया है।
इसमें पेंच यह भी है कि आज़म की अपनी रामपुर सीट पर 8 दिसंबर को हुए उप चुनाव में इसपर भाजपा ने कब्जा कर लिया है
देखना है कि अब आज़म अपनी यह लडाई आगे अदालत मे लड़ते है या राजनीतिक रूप से।