तीस साल के फिल्मी कैरियर में सौ से ज्यादा फिल्म कर चुके राजीव भाटिया उर्फ अक्षय कुमार किसी ज़माने मे दिल्ली मे एक शोरूम के एजेंट के तौर पर नकली गहने बेचते थे और तीन चार हज़ार रुपयों की कमाई करके सुकून की ज़िंदगी बिताया करते थे।
बाद मे कमाई बढ़ान के चक्कर मे उन्होंने एक होटल मे नौकरी कर ली और खास मेहमानों के लिए मेजें तैयार करने लगे
जिस होटल में वह काम करते थे वहां अमिताभ बच्चन की भी फोटो दीवार पर लगी थी जिनकी स्टंट फिल्में से प्रभावित होकर उनके दिमाग में जुटे कराटे सीखने का विचार आया और मुंबई आने पर सबसे पहले उन्होंने अमीर घरों के बच्चों को घर-घर जाकर जूडो कराटे सिखाना शुरू कर दिया जिससे उन्हें सात आठ हजार की कमाई होने लगी।
बाद मे इन्ही घरों मे से किसी ने उन्हें अच्छी कद काठी हीने के आधार पर न सिर्फ माडलिंग करने का सुझाव दिया बल्कि वह पहला संपर्क भी दिया जिससे अक्षय को इक्कीस हजार का भुगतान भी मिला।
महीने भर में इसकी आधी कमाई करने वाले इस एक्टर की तो जैसे लाॅटरी लग गई और फिर यही से उन्हे पहली फिल्म सौगंध मिलने का रास्ता खुला और आज यह कलाकार किसी भी फिल्म को हिट कराने की गारण्टी मन जाता है।