पूरे देश के डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों में नॉन मेडिकल शिक्षकों के नियुक्ति के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और उन्होंने 2 दिन पहले जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह बता दिया है इस तरह की किसी भी कोशिश का हर स्तर पर भरपूर विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल कॉलेजों में फार्मोकोलॉजी एनाटॉमी और बायोफजिक्स से संबंधित विषय पढ़ाने के लिए ऐसे शिक्षकों को नियुक्त करना चाहती है जिन्होंने डॉक्टरी की परीक्षा पास नहीं की है इसके खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 20 जुलाई को जंतर मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर कहां है इस तरह की किसी भी कोशिश को तुरंत रोका जाए क्योंकि इससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता घटेगी और देश को अच्छे डॉक्टर नहीं मिलेंगे।
डॉक्टरों की संस्था ने केंद्र सरकार से कहां है कि 2 साल पहले वह पहले दो यह बदलाव कर चुकी है कि मेडिकल कॉलेजों में 15 फ़ीसदी फैकल्टी नॉन मेडिकल हो सकती है अब इसे और बढ़ाने की कोशिश किसी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी क्योंकि इससे बाहर चिकित्सा शिक्षा का भविष्य अंधकार में हो जाएगा