देश में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कवायद एक बार फिर शुरू हो चुकी है और विधि आयोग ने सभी पक्षों से अपने दृष्टिकोण पत्र के आधार पर सुझाव मांगे हैं।
विधि आयोग ने अपने 150 प्रश्ठों के दृष्टिकोण पत्र में कहां है कि समान नागरिक संहिता अब देश की जरूरत है और यह अलग-अलग धर्मों के लिए बने पर्सनल लॉ की जगह लेगी और सभी नागरिकों के लिए एक जैसी सामाजिक शर्तें तय कर दी जाएगी।
हालांकि समान नागरिक कानून भारत में शुरू से विवादों में रहे हैं और तमाम लोग यह मानते हैं किससे देश का धर्मनिरपेक्ष और सेकुलर स्वरूप प्रभावित होगा लेकिन मौजूदा निजाम कॉमन सिविल कोड लागू करने की घोषणा के साथ सत्ता में आया है इसलिए वह जो भी किया जा रहा है वह स्वाभाविक है