बलात्कार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है जिसमें पीड़िता की कुंडली की जांच लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिषीय विभाग से कराने के निर्देश दिए गए थे ।
यह पहला मामला है जिसमें पीड़िता के आरोप पर फैसला लेने में ज्योतिष की दखलअंदाजी अदालत में स्वीकार की गई थी ।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को गैरजरूरी बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगा दी और अदालत को निर्देश दिया कानूनी तौर पर ही इस मुकदमे का फैसला करें ।
अदालत ने इस तर्क पर हमला की कोई फैसला नहीं दिया कि ज्योतिष भी एक विज्ञान है और लखनऊ विश्वविद्यालय की तरह कई विश्वविद्यालयों में बाकायदा इसकी पढ़ाई करा कर डिग्रियां दी जा रही है ।
शीर्ष अदालत कि कहा कि इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता कि ज्योतिष कितनी सही है या गलत है लेकिन न्याय प्रक्रिया में उसके आधार पर फैसला किया जाए यह बात तर्क से परे है।
भारत सरकार के वकील ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से हाईकर्ट का आदेश तुरंत स्थगित करने की मांग की
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