केंद्र सरकार देश भर की उपभोक्ता अदालतों में बड़े बदलाव करने जा रही है ताकि इनमे शिकायत पहुंचने पर तीस दिनो के भीतर उनका निपटारा कर दिया जाए।
इस समय उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामलों का अंबार लगा है जिससे वो अपनी उपयोगिता ही खोते जा रहे हैं।
सरकार इसके लिए एक निजी संस्था को नियुक्त करने जा रही है जो उपभोक्ता मामलों में होने वाली देरी के कारणों का पता लगाएगी।
सरकार चाहती है कि उपभोक्ता से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक पर चलाया जाए और अगर जरूरत महसूस की गई तो सरकार इसके लिए कानून में बदलाव भी करेगी ताकि देरी होने पर उसकी जवाबदेही तय की जा सके।
देश में इस वक्त 678 जिला उपभोक्ता आयोग और 35 राज्य उपभोक्ता आयोग हैं।