माफिया अतीक अहमद को तीन साथियों के साथ उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए हैं।
अतीक के साथ दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद मिली है।
यह सजा 25 जनवरी 2005 को दिन दहाड़े इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल की हत्या के जुर्म में मिली है।
माफिया अतीक पर आज से 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था और तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार किसी मुकदमे में उसे दोषी ठहराया गया है।
राजू पाल के समर्थक जब उसे टैंपो में डालकर अस्पताल ले जाने लगे तो हमलावरों ने करीब पांच किलोमीटर तक वह टैंपो का पीछा करके तब तक फायरिंग की जब तक यह सुनिश्चित नही हो गया कि राजू पाल मर चुका है।
बाद में राजू पाल अस्पताल पहुंचे तो उन्हें 19 गोलियां लग चुकी थीं और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मरने के दस दिन पहले ही राजू की शादी पूजा पाल से हुई थी।
राजू पाल के दोस्त उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे।