भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ कितना ही अभियान चलाए पर एक बार फिर साबित होने जा रहा है बंगाल में उनका जादू बरकरार है और इसी के सहारे राजनीतिक निर्वासन तोड़कर शत्रुघ्न सिन्हा अब लोकसभा में दहाड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
आखिरकार शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा छोड़ने के बाद पहला लोकसभा चुनाव आसनसोल से जीतने जा रहे है और इसके लिए वे निर्णायक बढ़त हासिल कर चुके हैं।
बंगाल की यह वही लोकसभा सीट है जहां से १९९१ में शत्रुघ्न ने कांग्रेस के राजेश खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़कर राजनेतिक पारी की शुरुआत की थी पर तब वो बुरी तरह चुनाव हार गए थे।
अब यह बात अलग है कि वरिष्ठ नेता आडवाणी के इस चेले को भाजपा ने बिहार से राज्य सभा में भेजकर अटल सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बना दिया था और लगातार उन्हे बड़ी जिम्मेदारियां दी जाती रहीं।
इसके बाद २००९ और २०१४ का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने पंजाब से जीता पर मोदी युग में उन्हें पार्टी में हाशिए पर डाल दिया गया था जिससे वो राजनीतिक त्याज्य जैसी हालत में चल रहे थे।
कई पार्टियों के साथ किस्मत आजमाने के बाद शत्रुघ्न ने ममता दीदी का हाथ थामा और इस बार कामयाब रहे।
आसनसोल से उनके चुनाव जीतने की घोषणा अभी नहीं हुई है पर वो भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल से पेंतीस हजार से भी ज्यादा वोटों को लीड हासिल कर चुके है जिसके टूटने के आसार ना के बराबर हैं।