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बदल रहा है शनि ग्रह, गायब हो रहे हैं उसके खूबसूरत छल्ले
पहली बार अंतरिक्ष विज्ञानियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि शनि ग्रह बदल रहा है जिन खूबसूरत छल्लों को उसकी पहचान माना जाता रहा है वो धीरे धीरे उसके ही वातारण में खोते जा रहे हैंं.
नासा की ओर से भी इसकी पुष्टि कर दी गई है कि शनि के खूबसूरत छल्ले अब हमेशा रहने वाली चीज नहीं रह गए है और ग्रह के अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण ये छल्ले शनि ग्रह की सतह के करीब आते जा रहे हैं और एक समय ऐसा आएगा जब ये अपना वजूद खोकर शनि ग्रह में ही समा जाएंगे.
शुरुआती गणनाओं के अनुसार शनि के इन छल्लों को पूरी तरह गायब होने में अभी दस करोड़ साल लग जाएंगे पर यह जानकारी ही दिलचस्प है कि शनि ग्रह के ये खूबसूरत छल्ले हमेशा रहने वाली चीज नहीं है भले ही इधर के कुछ महीनों में इन छल्लों से कुछ ऐसी इलेक्ट्रानिक बीम का निकलना भी रिपोर्ट किया गया है जिनके बारें कहा जा रहा है कि ये परग्रही किसी सम्यता के संदेश हो सकते हैं.
नासा ने हाल ही में जारी एक बयान में साफ किया है कि शनि ग्रह से इन छल्लों का निशान पूरी तरह मिटने में भले तीन सौ मिलियन साल लगे पर सौ मिलयन साल के पहले ही ये हमें दिखना बंद हो चुके होगे.
इस नए बदलाव ने एक बार फिर इस बहस को छेड़ दिया है कि शनि के छल्ले क्या उसके जन्म के समय से हैं या बाद में विकसित हुए.
इसे लेकर किसी भी बात पर अंतिम सहमति तो नहीं है पर ज्यादातर लोग मानते हैं शनि के ये छल्ले बाद में बने हैं और इनमें इतना पानी है कि ओलम्पिक का एक स्विमिंग पूल मात्र आधे घंटे में भरा जा सकता है.क्योंकि ये छल्ले सूूक्ष्म बर्फ के टुकड़ों और धूल के कणों के बारीक बुरादे से बने हुए हैं.