जिस शख्स रेमंड जैसी कपड़ों की कंपनी खड़ी की उसके बेटे ने आज उसे दरबदर कर दिया और शायद इसीलिए लोग अब कह रहे हैं रेमंड्स के मालिक जैसा बेटा ईश्वर किसी को न दे।
कुछ साल पहले तक 12000 करोड़ की टेक्सटाइल कंपनी रेमंड्स के मालिक रहे विजयपत सिंघानिया आज इस हद तक लाचार है कि आम बेसहारा बूढ़े की तरह किराए के घर में रहते हैं पैदल चलते हैं और अब तो उन्हें अपनी जीवनी छपवाने का अधिकार भी नहीं रहा और यह सब हुआ है उनके अपने बेटे की वजह से।
विजयपत सिंघानिया वह शक्स हैं जिनके पास हेलीकॉप्टर से लेकर हवाई जहाज तक था और जो रिलायंस के मालिक अनिल अंबानी से भी बड़े घर में मुंबई में रहा करते थे जिसे जेके हाउस कहा जाता है लेकिन अब वह अपने इस घर से निकाल दिए गए क्योंकि उन्होंने अपने हिस्से के सारे शेयर अपने बेटे को ट्रांसफर करके उससे रेमंड्स कंपनी का मालिक बना दिया
भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय टेक्सटाइल कंपनी रेमंड्स को खड़ा करने वाले विजयपत सिंघानिया हाल ही में अपनी जीवनी लिखवा रहे थे लेकिन अब इस जीवनी के कुछ हिस्सों को लेकर उनके बेटे को ऐतराज है जिसकी वजह से उसने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने उनकी जीवनी के छपने पर भी रोक लगा दी
विजयपत सिंघानिया उनके बेटे के बीच चल रहा संपत्ति के झगड़ा दूसरे तमाम लोगों को संदेश देता है कि परिवार में झगड़ा सिर्फ पैसों की कमी से नहीं होता बल्कि किसी एक शख्स की ज्यादा पैसों की चाटत से भी हो सकता है।
83 साल का यह करोड़पति अपनी अपनी बची हुई जिंदगी में दोबारा ठीक से जी भी सके गए या नहीं यह कोई नहीं जानता क्योंकि 2015 में जब अपने बेटे को उन्होंने रेमंड की कमान सौंपी तो अपने लिए कुछ नहीं बताया यह उनकी सबसे बड़ी गलती है।