कश्मीर फाइल्स अपने तरह से देश का राजनीतिकरण करके नए सिरे से लोगों को जहां खेमों में बांटने का काम कामयाबी से कर रही है तो अब इसके बाद इसी एजेंडे को हवा देने आ रही है केरल स्टोरी।
केरल स्टोरी जिस कहानी या तथाकथित रिसर्च के आधार पर बनाई जा रही है उसका विषय ही साफ कर देता है कि वो किस तरह की राजनीति को केरल के भीतर और बाहर मजबूत करेगी।
फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह के अनुसार उनकी यह फिल्म केरल और मैंगलोर से पिछले दस बारह सालों लगभग 32 हजार महिलाओं को जबरिया धर्म परिवर्तन कराकर आईएसआईएस के लड़ाकों से उनकी शादी कराए जाने पर आधारित है।
इस फिल्म का निर्देशन वो खुद करेंगे और इसका एक टीजर भी उन्होंने जारी कर दिया है जिसमें कई राजनेता इस बात की तस्दीक करते नजर आ रहे हैं कि केरल की लड़कियों की तस्करी जेहादियों से शादी कराने के लिए की जाती रही है।
निर्माता विपुल अमृतलाल शाह के मुताबिक जब लेखक सुदीप्तो ने उन्हें 3-4 साल पहले अपनी इस रिसर्च के बारे में बताया था तो वो खुद रो पड़े थे और उसी दिन उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला कर लिया था।
फिल्म के लेखक सुदीप्तो सेन के अनुसार जांच में पता चला है कि लड़कियों को धर्म परिवर्तन करवाकर सीरिया और अफगानिस्तान भेजा गया पर किसी सरकार ने उन्हें वापस लाने की सरकारी स्तर पर कोशिशें ही नहीं कीं।
सुदीप्ता के अनुसार उनकी रिसर्च टीम ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर यात्रा की और तब किसी नतीजे पर पहुंची।
उल्लेखनीय है कि केरल देश का शत प्रतिशत साक्षरता वाला अकेला राज्य है जहां वामपंथ की जड़े मजबूत हैं और भाजपा अभी अपनी उपस्थिति तक ठीक से दर्ज नहीं करा पाई है।