जोहानिसबर्ग मैं चल रही ब्रिक्स सम्मिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करके एक तरह से उनके देश को अपने बारे में कर लिया है।
इन दोनों नेताओं के बीच में बातचीत में इस बात पर सहमत बनी कि चीन यह सुनिश्चित करेगा की बांग्लादेश में कोई तीसरा देश दाखिलंदाजी न कर सके और इसके बदले बांग्लादेश चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट में भागीदार बनेगा।
चीन ने वादा किया है कि वह न सिर्फ बांग्लादेश के विकास में मददगार बनेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा की कोई तीसरा देश उसके हितों को प्रभावित न कर सके।
कुल मिलाकर यह नया गणित भारत के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि इधर अमेरिका और बांग्लादेश के बिगड़े हुए रिश्तों का ही नतीजा है कि बांग्लादेश चीन के गोद में बैठ गया है।
चीन से इतनी मदद के बाद भी बांग्लादेश के प्रधानमंत्री रोहिंग्या समस्या पर चीन की कोई मदद लेने में नाकाम रही जबकि अमेरिका इस मकसद के लिए बांग्लादेश को 1.6 करोड डॉलर की मदद दे चुका है।