संयुक्त राष्ट्र संघ की शिक्षा मामलों की समिति ने इंटरनेशनल कोर्ट से खुद इस बात का संज्ञान लेने को कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाए हुए हैं।
तालिबानी शासन की दूसरी वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र के शिक्षा मामलों के समिति के सदस्य ब्राउन ने इंटरनेशनल कोर्ट अपील की है कि वह खुद अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा का संज्ञान ले क्योंकि वहां 12 साल के बाद ज्यादातर लड़कियां पढ़ना छोड़ देती है और यहां तक कि महिलाओं को तालिबानी शासन में ऑफिस में काम करने की भी जगह नहीं है लिंग के आधार पर किया जाने वाला यह सबसे बड़ा उदाहरण है जिसकी जीती जागती मिसाल अफगानिस्तान है।
कोर्ट को बताया गया है कि अफगानिस्तान में कोई महिला पर किया सड़क पर भी तब तक नहीं जा सकती जब तक परिवार का कोई पुरुष सदस्य भले ही वह बच्चा क्यों ना हो उसके साथ ना हो।