बम्बई हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है यह हमें भी दूसरे देशों की तरह बालिग होने की उम्र 16 से 18 साल के बीच में तय करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि पास्को कानून के तहत बढ़ते बलात्कार के मामलों के लिए यह जिम्मेदार है।
हाई कोर्ट की जज भारतीय डांगरे ने अपने 351 पन्नों के फैसले में भी इस बात का उल्लेख करते हुए कहा है अब के कानून के तहत सहमति से यौन संबंध बनाने के बाद 18 साल की उम्र पूरा करने में 1 दिन के कमी रहने पर भी लड़की किसी भी पुरुष को पास्को एक्ट के तहत फंसा सकती हैं ज्यादातर मामलों में यह देखा जा रहा है की लड़कियां प्रेम संबंधों में शामिल होने के बाद बलात्कार के आरोप लगाती हैं।
आशिक अंसारी बनाम महाराष्ट्र सरकार के मुकदमे में फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि इस मामले में सारे सबूत यह बताते हैं कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था और इसी नाते लड़की के साथ जो कुछ हुआ उसके शर्मा की कथा फिर भी लड़के को बलात्कार के आरोप में जेल की सजा भुगतनी पड़ी बाद में हाई कोर्ट जाने पर उसे राहत मिली और यह कोई अकेली घटना नहीं है इसलिए अब बालिग होने की उम्र पर विचार करने का सही समय आ चुका है।