आखिरकार भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद शरद पवार पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस को भी तोड़ने में कामयाब हो ही गई और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार 18 विधायकों के साथ भाजपा सरकार में शामिल हो चुके हैं।
वैसे मुख्यमंत्री बनने के लिए छटपटा रहे अजीत पवार को तोड़ना और उनके साथ एडी का खौफ दिखाकर एनसीपी के अट्ठारह और विधायकों को तोड़ना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं था नितिन महाराष्ट्र की राजनीति में हरियाणा का अतीत दोहराने जैसा लगता है जहां किसी जमाने में आया राम गया राम की सियासत सिर चढ़कर बोल रही थी
भाजपा के नए उपमख्यमंत्री अजीत पवार जी जोड़-तोड़ की ऐसी राजनीति नहीं है जिसके लिए शरद पवार जाने जाते हैं और यही वजह है कि अपने चाचा से बार-बार बगावत करने वाले अजित पवार को लेकर कुछ समय पहले ही शरद पवार ने भी एनसीपी का नेतृत्व छोड़ देने तक की धमकी दी थी।
यह सही है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार ने जो कुछ किया है दशकों पहले वैसा ही फैसला शरद पवार ने कांग्रेसमें रहते हुए वसंतदादा पाटील की सरकार को गिरा कर किया था।