विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सांसदी छीनने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
भाजपा के लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होकर 1976 में तत्कालीन राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के राज्य सभा से निष्कासन का उदाहरण पेश करते हुए राहुल गांधी को संसद से बाहर किए जाने की माग की।
उन्हाने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं, इसलिए उनकी लोक सभा सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेबुनियाद और गलत आरोप लगाए और लगभग 75 बार अडानी का नाम लिया।
उन्होंने तर्क दिया कि अडानी के सौदें को लेकर भी राहुल ने गलत बयानी की है और साथ ही कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों का नाम लेकर भी संसदीय नियमों का उल्लंघन किया है।
समिति की बैठक में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सांसद ने भी राहुल गांधी का बचाव करते हुए तर्क दिया कि इस मामले में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला ही नहीं बनता।
विशेषाधिकार समिति के सदस्य कांग्रेस सांसद के. सुरेश और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि राहुल के भाषण के कई अंश को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है और ऐसे में अब उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला नहीं बनता है।