नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड अभी ढंग से कुर्सी पर बैठ भी नहीं पाए होंगे कि अपने ही लोगों के सामूहिक कत्लेआम के दोषी बनकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में हाजिरी बजानी होगी.
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया है और उन्हे नौ मार्च को तलब कर लिया है.
उनके खिलाफ कोई डेढ़ दशक पहले हुए नेपाली गृह युद्ध जैसे माहौल में हजारों लोगों को मरवा देने का पुराना मुकदमा फिर से शुरू हो गया है जिसे लेकर दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं.
दरअसल 2017 में एक प्रचंड ने खुद सार्वजनिक मंच से यह स्वीकर किया था घरेलू हिंसा में कुछ लोग उन पर 17 हजार से ज्यादा लोगों को मार डालने का आरोप लगाते हैं जो सही नहीं है.
उनका कहना है 12 हजार लोगों को तो सरकारी एजेंसियों ने मारा था और सिर्फ पांच हजार लोग उन्होंने मरवाए थे जिसकी जिम्मेदारी लेने को वे तैयार हैं और इससे वे कभी पलटेंगे भी नहीं.
उनके इसी कुबूल नामे को उनके खिलाफ अब उनके विरोधी मजबूत हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमेंं वे फिलहाल फंसते हुए नजर आ रहे हैं.