यह शायद दुनिया की पहली ऐसी शादी होगी जिसमें मुस्लिम रीति रिवाजों से शादी का कुबूल नामा भावी पत्नी पत्नी से एक मंदिर में बाकायदा शादी कुबूल है- कुबूल है कहकर स्वीकार किया.
आश्चचर्य तो इस बात का भी है कि अन्तर धार्मिक शादियों को लव-जिहाद का नाम देकर धर्मान्तरण के आरोपों की सियासत करने वाले हिन्दू महासभा, राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ और बजरंग दल के नेता न सिर्फ इस विवाह में शामिल हुए बल्कि उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद भी दिया.
यह शादी हिमाचल के शिमला में रामगढ़ जिले के सत्यनारायण मंदिर में हुई और इसमें दूल्हा मुस्लिम और दूल्हन हिंदू थी.-
दूल्हा दूल्हन दोनों ही पेश से इंजीनियर हैं और दोनों ही इस मंदिर में शादी इसलिए करना चाहते थे कि इसके पड़ोस में ही एक मस्जिद जहां हिन्दू रीति से शादियों की कुछ रस्में भी हुईं.
बहरहाल जब बारात आई तो उसका स्वागत करने वालों में कथित तौर पर हिन्दू राजनीति करने वाले नेता भी शामिल थे और लड़के- लड़की ने मंदिर में फेरे भी लिए और दो गवाहों और मौलवी की मौजूदगी में निकाह का कुबूलनामा भी किया.
बड़ी बात यह भी है कि इस मंदिर का संचालन विश्व हिन्दू परिषद करता है और मंदिर परिसर में ही संघ का कार्यालय भी है और आज के माहौल में इस इकलौती शादी ने साम्प्रदायिक सदभाव और आपसी प्रेम का जो संदेश दिया वो समाज के लिए अमूल्य पूंजी से कम नहीं है.